Strange World Of Birds पक्षियों का विचित्र संसार
संसार में विविध किस्म के पक्षी पाए जाते हैं। आओ,विश्व के कुछ पक्षियों के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
हुदहुद पक्षी
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हुदहुद पक्षी |
हुदहुद भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है।यह पीले-भूरे रंग का पक्षी होता है जिसके पंखों और पूंछ पर जेबरा की तरह धारियां होती है। इसके सिर पर काली धारियों वाली एक कलगी होती है।यह घास के मैदानों में अकेले ही दिखाई देता है यह काफी शर्मीला भी होता है। हुदहुद धरती पर चलता तथा भागता है और अपनी ज़रा सी चोंच से भोजन को तलाशता रहता है। इसकी आवाज बहुत ही सुंदर और संगीतमय होती है।यह अपना घोंसला वृक्ष के तने के छेद में बनाता है।जो की बहुत ही गंदी स्थिति में होता है इसमें से बदबू आती रहती है।
रोड रनर पक्षी
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Road Ranur |
रोड रनर पक्षी सड़क पर दोडने वाला पक्षी है अमेरिका के मरुस्थल में पाए जाने वाला एक विचित्र पक्षी है। अपने नाम के अनुसार इसे सड़कों पर तीव्रता से दोडते हुए देखा जा सकता है।इसकी एक अनोखी विशेषता यह है यूं तो उड़ने में यह सक्षम होता है, परंतु इसे उड़ना पसंद नहीं।यह कभी कभी ही उडता है। कभी तो सिर्फ़ दुश्मन से बचने के लिए उड़ान भरता है या पेड़ की शाखा पर बैठने के लिए। दूसरी ओर जब रोड रनर को कोई शिकार दिखाई देता है, तो वह तेजी से दौड़ता हुआ उसे पकड़ने की कोशिश करता है।बीच में जरा- सा पता है और फिर तीव्रता से शिकार पर टूट पड़ता है यूं तो रोज लड़ने की गति 29 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है परंतु यह इससे भी तेज प्रतीत होती है क्योंकि यह लंबी दूरी तक नहीं दौड़ता वास्तव में वह जगह पपीहे की परिवार का भी सदस्य हैं इस कारण किसने दीपन लिए बुरा होता है यह प्राया छिपकलियों फोटो सांपों को कीट पतंगों या कभी कभी छोटे पंछियों को भी अपना भोजन बनाता है ।
बटेर पक्षी

बटेर पक्षी

बटेर उत्तर पूर्वी क्षेत्र के अतिरिक्त समूचे भारत में पाया जाने वाला पंछी है। यह पक्षी हमेशा 5 से 20 सदस्यों के समूह में रहते हैं इन्हें घास के मैदानों में कीट,पतंगे को चुगते अक्सर देखा जा सकता है।खतरा भांपते ही यह पक्षी तुरंत तितर-बितर होकर उड़ जाते हैं। नर एवं मादा दोनों के शरीर पर धारियां होती हैं जो सिर से शुरू होती है और नीचे की ओर जाती है ।दिन की गर्मी में यह पक्षी झाड़ियों या बड़ी चट्टानों की छाया में समय बिताते हैं। बटेर को उड़ने से अधिक पैरों पर चलना पसंद होता है आमतौर पर यह पक्षी अपने घोंसले घास के फूलों की सतह पर बनाते हैं ।और उसमें घास की मोटी व नरम परते बिछाते हैं ।बटेर पक्षियों की ऐसी प्रजाति है जिसका अस्तित्व खतरे में है।हालांकि इसके शिकार पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है ।परंतु फिर भी अधिकतर बटेर ऐसे लोगों की दावतों की शान बनते हैं जिनके मन में जीव जंतुओं के लिए कोई दया भाव नहीं है ।और ना ही वे कानून का सम्मान करना जानते हैं।
कोरेला पक्षी
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कोलेरा पक्षी |
कोरेला पक्षी की चोंच लम्बी होती है, यह आस्ट्रेलिया में पाया जाता है।यह सफेद रंग का होता है, और इसकी चोंच तोते की चोंच जैसी होती है। ये पक्षी बड़े-बड़े समूहों में रहते है एक समूह में तकरीबन 200से अधिक पक्षी रहते हैं।यह पक्षी शोर बहुत मचाते हैं,कोरेला पक्षी अपना अधिकार समय ज़मीन पर ही बिताते हैं। चोंच का ऊपरी भाग नुकीला और लम्बा होने के कारण इससे जमीन की ऊपरी सतह खोदकर कन्द-मूल आदि निकालकर खाते है। इनके समूह में बहुत एकता होती है, इसका उदाहरण एक बात से मिलता है कि जब अधिकतर कोरेला जमीन पर भोजन ढूंढ रहे होते है, तो समूह के कुछ सदस्य ऊपर पेड़ पर बैठकर निगरानी करते है और खतरे को भांपते ही वे शोर मचाने लगती है।
कॉमन पुअर विल पक्षी
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कॉमन पुअर विल |
कॉमन पुअर विल पक्षी पश्चिमी उत्तरी अमेरिका के शुष्क और जंगलों में पाया जाता है। यह रात को उड़ने वाले कीटों को अपना भोजन बनाता है, कॉमन पुअर विल का। नाम उसके द्वारा गाए जाने वाले एक अनोखे गीत के कारण पड़ा है। जिसे यह ‘इप ‘आवाज के साथ गाता है ,होपी भारतीय इसे जिस नाम से पुकारते थे उसका अर्थ होता है ‘सोने वाला ‘ (द स्लीपर)। जब वैज्ञानिकों ने इसे पहली बार शीतस्वाप करते देखा, तो उन्होंने सोचा कि यह मर चुका है। क्योंकि इसके पैर और आंखों की पलकें बंद और ठंडी थी। इस के दिल की धड़कन का पता नहीं चल रहा था, और यह मृत प्रतीत हो रहा था ।परंतु यह वास्तव में शीतस्वाप कर रहा था ।कुछ समय बाद यह पक्षी उठा और उड़ गया ।
शीतस्वाप के समय इसके शरीर का तापमान और ऊर्जा का उपभोग बहुत कम हो जाते हैं। शीतस्वाप के दौरान 70 से 100 दिन तक जीवित रहने के लिए कॉमन पुअर विल को लगभग 70 ग्राम वसा की जरूरत होती है।
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