देश भक्ति कहानी एक वीर सैनिक की
Short moral stories in Hindi देश की रक्षा के लिए सेना का सिपाही अपने प्राण तक दे देता है।किसान कठिन परिश्रम करके देश के लिए अनाज पैदा करता है ।मजदूर कठिन परिश्रम करके देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण वस्तुएं बनाता है।इसी प्रकार डॉक्टर देश के लोगों को रोगों से मुक्त करता है। अध्यापक बच्चों को ज्ञान देकर उन्हें योग्य नागरिक बनाता है,।
इस प्रकार देश में रहने वाले सभी व्यक्ति कुछ न कुछ काम करके देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाते हैं। इन कामों के बदले उन्हें कुछ लाभ अवश्य मिलता है। ताकि वह अपने तथा अपने परिवार का भरण पोषण करते रहे।
यदि कोई व्यक्ति ईमानदारी से अपना काम न करें और केवल धन कमाने की बात सोचें तो फिर वह देश प्रेम काम का नहीं देश का कोई व्यक्ति अन्य व्यक्ति को हानि पहुंचा कर सिर्फ अपने लाभ का ही ध्यान रखें तो यह देश प्रेम नहीं।
इसी प्रकार बच्चों यदि आप अपना कर्तव्य नहीं तो फिर आपको भी देश से प्रेम नहीं है।और अपने आप को एक योग्य चरित्रवान तथा साहसी नागरिक बनाने का कार्य नहीं करते, तो फिर आपको भी देश से प्रेम नहीं है।
यहां हम आपको भारत के एक वीर सैनिक की बात बता रहे हैं। कुछ वर्षों पहले हमारे देश का अपने एक पड़ोसी देश से युद्ध हुआ था हमारी सेना ने शत्रु की सेना का डटकर मुकाबला किया था ।
,और उसे पीछे हटने के लिए विवश कर दिया था इस युद्ध में हमारी सेना के कई सैनिक मारे भी गए थे और कई बुरी तरह घायल भी हुए थे घायल सैनिकों का सेना के अस्पताल में इलाज चल रहा था।
एक सैनिक की एक टांग में गहरा घाव होने के कारण उसकी टांगों को काट देना पड़ा था एक दिन भारत के प्रधानमंत्री घायल सैनिकों को देखने के लिए अस्पताल में आए जब वे उस सैनिक के पास पहुंचे जिसकी एक टांग काट दी गई थी तो उसके पास रुक कर उसका हाल चाल पूछने लगे सैनिक की आंखों से आंसू बह रहे थे।
प्रधानमंत्री ने उससे पूछा क्या बात है? सैनिक क्या आपको बहुत दर्द हो रहा है ?क्या और कोई दुख है? मुझे बताइए मैं और भारत की सरकार हर प्रकार से आपकी सहायता करेंगे।
Short moral stories in Hindi
सैनिक ने अपने हाथ से आंखें पोंछी और रुंधे गले से बोला दर्द की कोई बात नहीं है। मैं सिपाही हूं बड़े से बड़ा कष्ट हंसते-हंसते सहन कर सकता हूं। मुझे इस बात का बड़ा दुख है कि मेरे देश के प्रधानमंत्री मेरे सामने खड़े हैं और मैं खड़े होकर उन्हें सलामी भी नहीं दे सकता।उसकी बात सुनकर प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री कि आंखें स्वयं छलक आई ।उन्होंने सिपाही के सिर पर अपना आशीर्वाद का हाथ फेरा और कहा भारत मां को तुम्हारे जैसे सपूतों पर गर्व है।
Short moral stories in Hindi बच्चों आपने देखा कि किस प्रकार उस सैनिक का हृदय देश प्रेम से परिपूर्ण था।आप भी अपनी छोटी सी उम्र में में देश प्रेम प्रकट कर सकते हैं।कैसे यह हम आपको आगे बता रहे हैं।
- राष्ट्रगान को सदा सावधान की स्थिति में खड़ी होकर गाइए या सुनाइए राष्ट्रगान का सदा सम्मान कीजिए
- अपनी मातृभाषा को अन्य भाषाओं से अधिक सम्मान दीजिए तथा उसी भाषा में बातचीत करने में अपने आप को गौरवशाली मानिए।
- स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस उल्लास के साथ मनाइए।
- गांधी जयंती के दिन राष्ट्रपिता का स्मरण कीजिए तथा उनकी शिक्षाओं का पालन करने का प्रण कीजिए।
- अनुशासन का पालन कीजिए
- मृदुभाषी, विनम्र तथा चरित्रवान बनिए ।
- माता पिता की आज्ञा मानिए तथा उनकी सेवा कीजिए।
- दीन दुखियों के लिए अपने मन में दया भावना रखिए ।
- सब से प्रेम कीजिए और किसी से घृणा मत कीजिए ।
- देश में बनी वस्तुओं का सम्मान कीजिए।
बच्चों एक कहानी और देश प्रेम की
कहानी एक वीर सैनिक की
तिलक जी के चरित्र और व्यवहार का इस पहरेदार पर इतना गहरा प्रभाव पड़ा कि वह नौकरी छोड़कर देश सेवा के कार्य में लगने को तैयार हो गया। किंतु तिलक जी ने उसे वही रहते हुए देश भक्तों की सेवा और सहयोग करने का निर्देश दिया।
शिक्षा
श्रद्धा व्यक्ति को गुणवान और सुखी बनाती है। श्रद्धा से ही भक्तों के लिए पत्थर भगवान हो जाता है। श्रद्धा से ही एकलव्य गुरु की भाषा मूर्ति से धनुष बाण चलाने की विद्या सीखी और वह अपने युग का सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर बना।
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